The best Side of Shodashi

Wiki Article



॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

This classification highlights her benevolent and nurturing aspects, contrasting Using the fierce and gentle-fierce natured goddesses inside the group.

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

ह्रीं‍श्रीर्मैं‍मन्त्ररूपा हरिहरविनुताऽगस्त्यपत्नीप्रदिष्टा

या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते

कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं

लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti more info ganesh chaturthi

Lalita Jayanti, a major Competition in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship situations like darshans and jagratas.

पञ्चब्रह्ममयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥५॥

Report this wiki page